यूनिक आईडी: आधार की तरह आएगी एक और यूनिक आईडी, फड़णवीस सरकार का बड़ा फैसला
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए यूनिक आईडी, महाराष्ट्र फड़नवीस सरकार: मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की अध्यक्षता वाली राज्य कैबिनेट ने आधार के समान एक और यूनिक आईडी बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस निर्णय से राज्य में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना अधिक सुव्यवस्थित होगी और धन के साथ-साथ जनशक्ति का भी उचित उपयोग होगा। (महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने विकास को सुव्यवस्थित करने और दोहराव से बचने के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए एक अद्वितीय आईडी प्रणाली की घोषणा की। जानें कि यह पहल राज्य में संसाधनों के कुशल उपयोग और संतुलित विकास को कैसे सुनिश्चित करेगी)।
मुख्यमंत्री फड़णवीस ने राज्य कैबिनेट की बैठक में स्पष्ट किया कि, ''यूनिक आईडी से विकास कार्यों के दोहराव से बचा जा सकेगा और संतुलित विकास हो सकेगा.'' यूनिक आईडी से सभी प्रोजेक्ट की जानकारी एक डैशबोर्ड पर उपलब्ध हो जाएगी। इससे तुरंत समझ आ जाएगा कि किस क्षेत्र में किस प्रोजेक्ट की जरूरत है।
यूनिक आईडी से क्या बदलेगा?
- विकास कार्यों की योजना : राज्य में कई विभाग एक ही तरह के काम कर रहे हैं, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है. यूनिक आईडी से यह समस्या दूर हो जाएगी।
- डैशबोर्ड सिस्टम: बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की जानकारी पीएम गतिशक्ति पोर्टल, ग्राम विकास पोर्टल और महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर से जुड़ी होगी।
- धन का उचित उपयोग: विकास परियोजनाओं के माध्यम से धन और जनशक्ति का उचित उपयोग किया जाएगा।
यूनिक आईडी का प्रारूप निर्धारित करने वाली समिति
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने यूनिक आईडी प्रोजेक्ट के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति में योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजगोपाल देवड़ा, प्रमुख सचिव सौरभ विजय, ग्रामीण विकास सचिव एकनाथ डावले और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.